न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 24 Feb 2020 10:30 AM IST
ख़बर सुनें
फेडरल कम्युनिकेशन्स कमीशन के पहले भारतीय अमेरिकी चेयरमैन पई ने कहा कि अगर उनके माता-पिता को कई साल पहले यह कहा जाता कि एक दिन उनका बेटा अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारत जाएगा तो पता नहीं, वह कैसी प्रतिक्रिया देते।
ट्रंप के साथ भारत यात्रा करने वाले दो भारतीय अमेरिकियों में पई भी शामिल हैं। उनके साथ राष्ट्रपति के विशेष सहायक और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई के लिए विशेष निदेशक केश पटेल भी भारत जा रहे हैं।
पई ने कहा कि अगर मैं 1971 में मेरे माता-पिता की शादी के समय में पहुंच सकता तो सोचता हूं कि अगर उस समय उन दोनों युवाओं को बताया जाता कि एक पीढ़ी के बाद उनका बेटा अमेरिकी सरकार के शीर्ष स्तर का प्रतिनिधित्व करेगा और उस देश में जाएगा जहां वह पले बढ़े थे तो पता नहीं वे क्या कहते।
पई ने कहा कि उनकी भारत यात्रा के दौरान वे 5जी तथा डिजिटल विभाजन को पाटने जैसे आपसी हित के विषयों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच दोस्ती गहरी करने का लक्ष्य रखेंगे।
इस यात्रा से न सिर्फ पेशेवर रूप में बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी उम्मीदें जताते हुए पई ने कहा कि उनकी मां बेंगलुरू में पली-बढ़ीं, वहीं उनके पिता हैदराबाद में रहे। वे 1971 में शादी के कुछ ही समय बाद महज 8 डॉलर, एक ट्रांजिस्टर रेडियो और इस विश्वास के साथ अमेरिका आ गये कि उनका सपना पूरा होगा।
उन्होंने कहा कि अन्य कई प्रवासियों की तरह उन्होंने मुझे वह सभी अवसर देने के लिए कुर्बानी दी जो उन्हें नहीं मिले। मेरे दादा-दादी, नाना-नानी ने मुझमें परिश्रम के मूल्य और बड़ा सपना देखने की सोच विकसित की।