
पिछले दो सप्ताह में सऊदी अरब व रूस के बीच प्राइस वॉर बंद करने और कोरोनावायरस महामारी से मांग खत्म होने के चलते तेल की कीमतों में आधे से ज्यादा के दामों की गिरावट आई है। अमेरिकी तेल अब 23 डॉलर प्रति बैरल से भी कम पर कारोबार करने को मजबूर है। इन हालातों में तेल उद्योग को ओपेक व गैर-ओपेक उत्पादकों के बीच एक झटके के रूप में लिया जा रहा है क्योंकि सभी जगह उत्पादन रुक गया है।
अब सऊदी अरब के साथ वार्ता के लिए अमेरिका एक विशेष प्रतिनिधि भेज रहा है ताकि बाजारों में स्थिरता के लिए उत्पादन फिर से शुरू किया जा सके। बता दें कि सऊदी अरब और रूस वैश्विक तेल बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के चलते एक डील के तहत उत्पादन रोके हुए हैं। अब शाही शासन प्रतिदिन 1.23 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन प्रतिदिन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
तेल पर मौजूदा हालातों की समीक्षा जरूरी
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि सऊदी अरब दशकों से वैश्विक तेल बाजार में स्थिरता की अगुआई करता रहा है। ऐसे में दोनों देशों के ऊर्जा प्रतिनिधि तेल उत्पादन और कीमतों में स्थिरता के रास्ते पर लौटने में मदद करेंगे। तेल के मूल्यों में आ रही गिरावट तेल उत्पादकों के लिए चूंकि बेहद खतरनाक है ऐसे में हालातों पर गंभीर समीक्षा जरूरी है।
मूल्य युद्ध में दखल की संभावना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संकेत दिए जाने के बाद से तेल की कीमतों में शुक्रवार को दशमलव दो से अधिक की वृद्धि हुई। पिछले सत्र में सऊदी अरब और रूस के बीच मूल्य युद्ध में दखल की भी संभावना है। कीमतों को जून के अंत तक अपने आपातकालीन भंडार के लिए तीन करोड़ बैरल कच्चे तेल को खरीदने की अमेरिकी योजनाओं को भी समर्थन मिला है।
सार
वैश्विक तेल बाजारों में स्थिरता के लिए अमेरिका ने सऊदी अरब में एक विशेष दूत भेजने की योजना बनाई है। अमेरिका ने करीब 50 साल बाद पहली बार उसके सबसे बड़े तेल उत्पादक प्रांत टेक्सास में नियामकों द्वारा उत्पादन पर अंकुश लगाने के विचार के बाद यह फैसला लिया। ऐसा इसलिए ताकि कीमतों पर नियंत्रण लगाया जा सके।
विस्तार
पिछले दो सप्ताह में सऊदी अरब व रूस के बीच प्राइस वॉर बंद करने और कोरोनावायरस महामारी से मांग खत्म होने के चलते तेल की कीमतों में आधे से ज्यादा के दामों की गिरावट आई है। अमेरिकी तेल अब 23 डॉलर प्रति बैरल से भी कम पर कारोबार करने को मजबूर है। इन हालातों में तेल उद्योग को ओपेक व गैर-ओपेक उत्पादकों के बीच एक झटके के रूप में लिया जा रहा है क्योंकि सभी जगह उत्पादन रुक गया है।
अब सऊदी अरब के साथ वार्ता के लिए अमेरिका एक विशेष प्रतिनिधि भेज रहा है ताकि बाजारों में स्थिरता के लिए उत्पादन फिर से शुरू किया जा सके। बता दें कि सऊदी अरब और रूस वैश्विक तेल बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के चलते एक डील के तहत उत्पादन रोके हुए हैं। अब शाही शासन प्रतिदिन 1.23 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन प्रतिदिन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
तेल पर मौजूदा हालातों की समीक्षा जरूरी
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि सऊदी अरब दशकों से वैश्विक तेल बाजार में स्थिरता की अगुआई करता रहा है। ऐसे में दोनों देशों के ऊर्जा प्रतिनिधि तेल उत्पादन और कीमतों में स्थिरता के रास्ते पर लौटने में मदद करेंगे। तेल के मूल्यों में आ रही गिरावट तेल उत्पादकों के लिए चूंकि बेहद खतरनाक है ऐसे में हालातों पर गंभीर समीक्षा जरूरी है।
मूल्य युद्ध में दखल की संभावना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संकेत दिए जाने के बाद से तेल की कीमतों में शुक्रवार को दशमलव दो से अधिक की वृद्धि हुई। पिछले सत्र में सऊदी अरब और रूस के बीच मूल्य युद्ध में दखल की भी संभावना है। कीमतों को जून के अंत तक अपने आपातकालीन भंडार के लिए तीन करोड़ बैरल कच्चे तेल को खरीदने की अमेरिकी योजनाओं को भी समर्थन मिला है।
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