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सार
- एपल आईओस में भी डिफॉल्ट मिलेंगे थर्ड पार्टी एप्स
- सफारी की जगह कर सकेंगे गूगल क्रोम का इस्तेमाल
- 2008 से ही बंद है थर्ड पार्टी एप का सपोर्ट
विस्तार
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के दावे के मुताबिक एपल जल्द ही आईफोन या आईपैड में अन्य कंपनियों के एप्स को डिफॉल्ट रूप में इस्तेमाल करने की सुविधा दे सकती है। अभी तक एपल के प्रोडक्ट में एपल के ही एप डिफॉल्ट रूप से मिलते हैं। अन्य एप को डिफॉल्ट रूप में ना देने को लेकर एपल की आलोचन हो चुकी है। एपल पर अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा है।
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वैसे तो इस बात की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि थर्ड पार्टी एप को डिफॉल्ट रूप में लॉन्च करने की तैयार चल रही है। साल 2008 में एपल ने अपना एप स्टोर लॉन्च किया था, उसके बाद से ही कंपनी ने आईओएस डिवाइस में मौजूद एप्स को किसी थर्ड पार्टी एप्स से रिप्लेस करने की सुविधा नहीं दी है।
क्या है डिफॉल्ट का मतलब?
टेक्नोलॉजी सेक्टर में डिफॉल्ट काफी इस्तेमाल होने वाला शब्द है लेकिन कई लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। अब सवाल यह है कि आखिर डिफॉल्ट का मतलब क्या होता है, चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपके पास मैसेज में कोई लिंक आता है।
जब आप उस पर क्लिक करते हैं तो वह लिंक किसी ब्राउजर में खुलता है। ऐसे में जिस ब्राउजर में यह लिंक खुलता है, उसे ही डिफॉल्ट ब्राउजर कहेंगे। आईफोन की बात करें तो इसमें कोई भी लिंक सीधे सफारी ब्राउजर में खुलता है, लेकिन नए फैसले के बाद सफारी की जगह आपको मोजिला या गूगल क्रोम को भी इस्तेमाल करने का मौका मिल सकता है।