चीन में कोरोनावायरस की वजह से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार की ओर से जारी ताजा जानकारी के मुताबिक अब यह आंकड़ा 1800 के पार हो गया है। इसका असर अब दुनियाभर के कारोबार पर दिखाई देने लगा है।
भारत के दवा उद्योग के बाद अब नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर वायरस का खतरा मंडराने लगा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में चिंता जताई कि कोरोना के कारण भारत में 16 हजार करोड़ रुपये के सोलर प्रोजेक्ट पर असर पड़ सकता है।
क्रिसिल के अनुसार, सोलर प्रोजेक्ट में इस्तेमाल होने वाले मॉड्यूल्स का ज्यादातर आयात चीन से होता है, जो कुल लागत का करीब 60 फीसदी रहता है। कोरोना वायरस की वजह से वहां कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हैं, जिससे भारत के 3 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट निर्माण में देरी हो सकती है।
पावर पर्चेज एग्रीमेंट के मानक नियमों के तहत अगर कोई प्रोजेक्ट तय सीमा के भीतर तैयार नहीं होता, तो उस पर जुर्माने का प्रावधान रहता है। साथ ही टैरिफ के मोलभाव पर भी इसका असर पड़ता है और डेवलपर्स बैंक गारंटी भुनाने जैसा कदम भी उठा सकते हैं।
चीन के वेंडर्स ने भारतीय डेवलपर्स को पहले ही आगाह कर दिया है कि कारोबारी गतिविधियों में जारी सुस्ती की वजह से उपकरणों के उत्पादन, गुणवत्ता जांच और आपूर्ति में देरी हो सकती है। देश में इस्तेमाल होने वाला 80 फीसदी सोलर सेल और मॉड्यूल्स चीन से आयात होता है।
केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि चीन में फैले कोरोना वायरस के असर से वैश्विक स्टील उत्पादन अगले 2-3 साल तक प्रभावित रहेगा। चीन एलॉय का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसके असर से भारतीय इस्पात उद्योग को बचाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने घरेलू कंपनियों से उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया है। खासतौर से स्टील उत्पादन, ताकि वैश्विक बाजार में भागीदारी बढ़ा सकें।
प्रधान ने कहा कि 1 करोड़ टन स्पेशल स्टील के उत्पादन का रणनीतिक खाका तैयार कर लिया गया है, जिसकी लागत 50 हजार करोड़ रुपये आएगी और इससे 50 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। भारत अभी सालाना 10.6 करोड़ टन स्टील उत्पादन के साथ दुनिया का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है।
लेकिन यह पहले स्थान पर काबिज चीन के मुकाबले काफी पीछे है, जिसने 2018 में 92.83 करोड़ टन एलॉय का उत्पादन किया था। प्रधान ने कहा कि जब वैश्विक स्तर पर एक देश दबाव में होता है, तो दूसरे देश को मिलता है। भारत में श्रमशक्ति की कमी नहीं है।
चीन के केंद्रीय बैंक ने अपने मध्यम अवधि के कर्ज पर ब्याज दर में कटौती कर दी है। इसकी वजह है कि नीति निर्माता देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को सीमित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। चीन की प्रभावित अर्थव्यवस्था का संकेत नए आवासों की कीमतों में गिरावट से मिलने लगा है।
नए घर की कीमतें में बीते जनवरी में लगभग दो साल की सबसे कमजोर दर से वृद्धि हुई। उधर पड़ोसी देश सिंगापुर ने सोमवार को अपने 2020 की अनुमानित विकास दर और निर्यात में कटौती की। यह कदम कोरोनो वायरस के प्रकोप से इस साल मंदी की मार की संभावना को देखते हुए उठाया गया है।
जापान के सम्राट नोरुहितो सार्वजनिक तौर पर अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। डर है कि सार्वजनिक तौर पर बर्थडे मनाने से लोगों के एकत्र होने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ सकता है। राजमहल से मिली जानकारी के अनुसार सम्राट के जन्मदिन पर आम लोगों के महल में प्रवेश को रद्द कर दिया गया है।
जापान सरकार ने यहां लोगों के जमा होने की संख्या को नियंत्रण करने के उपाय अपना रही है। इसके तहत अगले महीने होने वाली टोक्यो मैराथन को देखने वाली संख्या को भी सीमित किया जा रहा है।
हांगकांग में टॉयलेट पेपर जैसी सामान्य चीज की हुई लूट लोगों में कोरोना को लेकर फैले डर की कहानी कह रही है। यहां के एक सुपरमार्केट से सामान की डिलीवरी करने वाले युवक से कुछ लोगों ने चाकू की नोंक पर टॉयलेट पेपर के 50 पैकेट ही लूट लिए। पुलिस ने बताया कि इनकी कीमत महज 220 डॉलर ही थी। हालांकि पुलिस ने बाद में इन लुटेरों को पकड़ कर सामान बरामद कर लिया।
दशकों में पहली बार टल सकती है कांग्रेस की सालाना बैठक, 1970 के दशक के बाद ऐसा पहला मौका
चीन सरकार, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की सालाना बैठक को टालने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो 1970 के दशक के अंत में समाप्त हुई सांस्कृतिक क्रांति के बाद यह पहला मौका होगा जब यह बैठक तय समय पर नहीं हो सकेगी। इस बैठक में करीब तीन हजार सांसद भाग लेते हैं।
चीन में राजनीतिक रुप से इस बैठक को सबसे महत्वपूर्ण बैठक माना जाता है और इसमें देश में सत्ता पर काबिज कम्युनिस्ट पार्टी के कामकाज का लेखा जोखा रखा जाता है। यह सालाना बैठक 2003 में सार्स के खतरे के समय भी नहीं रोकी गई थी। इकसे पूर्ण सत्र की बैठक पांच मार्च को होनी है। अब इसके भविष्य का फैसला 24 फरवरी को होगा। इस दिन यह तय होगा कि बैठक टाली जाए या फिर कैसे भी करके इसे संपन्न किया जाए।
चीन में कोरोनावायरस की वजह से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार की ओर से जारी ताजा जानकारी के मुताबिक अब यह आंकड़ा 1800 के पार हो गया है। इसका असर अब दुनियाभर के कारोबार पर दिखाई देने लगा है।
भारत के दवा उद्योग के बाद अब नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर वायरस का खतरा मंडराने लगा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में चिंता जताई कि कोरोना के कारण भारत में 16 हजार करोड़ रुपये के सोलर प्रोजेक्ट पर असर पड़ सकता है।
क्रिसिल के अनुसार, सोलर प्रोजेक्ट में इस्तेमाल होने वाले मॉड्यूल्स का ज्यादातर आयात चीन से होता है, जो कुल लागत का करीब 60 फीसदी रहता है। कोरोना वायरस की वजह से वहां कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हैं, जिससे भारत के 3 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट निर्माण में देरी हो सकती है।
पावर पर्चेज एग्रीमेंट के मानक नियमों के तहत अगर कोई प्रोजेक्ट तय सीमा के भीतर तैयार नहीं होता, तो उस पर जुर्माने का प्रावधान रहता है। साथ ही टैरिफ के मोलभाव पर भी इसका असर पड़ता है और डेवलपर्स बैंक गारंटी भुनाने जैसा कदम भी उठा सकते हैं।
चीन के वेंडर्स ने भारतीय डेवलपर्स को पहले ही आगाह कर दिया है कि कारोबारी गतिविधियों में जारी सुस्ती की वजह से उपकरणों के उत्पादन, गुणवत्ता जांच और आपूर्ति में देरी हो सकती है। देश में इस्तेमाल होने वाला 80 फीसदी सोलर सेल और मॉड्यूल्स चीन से आयात होता है।
तीन साल तक प्रभावित रहेगा वैश्विक स्टील उत्पादन
केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि चीन में फैले कोरोना वायरस के असर से वैश्विक स्टील उत्पादन अगले 2-3 साल तक प्रभावित रहेगा। चीन एलॉय का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसके असर से भारतीय इस्पात उद्योग को बचाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने घरेलू कंपनियों से उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया है। खासतौर से स्टील उत्पादन, ताकि वैश्विक बाजार में भागीदारी बढ़ा सकें।
प्रधान ने कहा कि 1 करोड़ टन स्पेशल स्टील के उत्पादन का रणनीतिक खाका तैयार कर लिया गया है, जिसकी लागत 50 हजार करोड़ रुपये आएगी और इससे 50 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। भारत अभी सालाना 10.6 करोड़ टन स्टील उत्पादन के साथ दुनिया का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है।
लेकिन यह पहले स्थान पर काबिज चीन के मुकाबले काफी पीछे है, जिसने 2018 में 92.83 करोड़ टन एलॉय का उत्पादन किया था। प्रधान ने कहा कि जब वैश्विक स्तर पर एक देश दबाव में होता है, तो दूसरे देश को मिलता है। भारत में श्रमशक्ति की कमी नहीं है।
गिरती अर्थव्यवस्थाओं पर लगाम लगाने की कोशिशें
चीन के केंद्रीय बैंक ने अपने मध्यम अवधि के कर्ज पर ब्याज दर में कटौती कर दी है। इसकी वजह है कि नीति निर्माता देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को सीमित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। चीन की प्रभावित अर्थव्यवस्था का संकेत नए आवासों की कीमतों में गिरावट से मिलने लगा है।
नए घर की कीमतें में बीते जनवरी में लगभग दो साल की सबसे कमजोर दर से वृद्धि हुई। उधर पड़ोसी देश सिंगापुर ने सोमवार को अपने 2020 की अनुमानित विकास दर और निर्यात में कटौती की। यह कदम कोरोनो वायरस के प्रकोप से इस साल मंदी की मार की संभावना को देखते हुए उठाया गया है।
जापान सम्राट नहीं मनाएंगे बर्थडे
जापान के सम्राट नोरुहितो सार्वजनिक तौर पर अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। डर है कि सार्वजनिक तौर पर बर्थडे मनाने से लोगों के एकत्र होने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ सकता है। राजमहल से मिली जानकारी के अनुसार सम्राट के जन्मदिन पर आम लोगों के महल में प्रवेश को रद्द कर दिया गया है।
जापान सरकार ने यहां लोगों के जमा होने की संख्या को नियंत्रण करने के उपाय अपना रही है। इसके तहत अगले महीने होने वाली टोक्यो मैराथन को देखने वाली संख्या को भी सीमित किया जा रहा है।
चाकू की नोंक पर छीने टॉयलेट पेपर
हांगकांग में टॉयलेट पेपर जैसी सामान्य चीज की हुई लूट लोगों में कोरोना को लेकर फैले डर की कहानी कह रही है। यहां के एक सुपरमार्केट से सामान की डिलीवरी करने वाले युवक से कुछ लोगों ने चाकू की नोंक पर टॉयलेट पेपर के 50 पैकेट ही लूट लिए। पुलिस ने बताया कि इनकी कीमत महज 220 डॉलर ही थी। हालांकि पुलिस ने बाद में इन लुटेरों को पकड़ कर सामान बरामद कर लिया।
दशकों में पहली बार टल सकती है कांग्रेस की सालाना बैठक, 1970 के दशक के बाद ऐसा पहला मौका
चीन सरकार, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की सालाना बैठक को टालने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो 1970 के दशक के अंत में समाप्त हुई सांस्कृतिक क्रांति के बाद यह पहला मौका होगा जब यह बैठक तय समय पर नहीं हो सकेगी। इस बैठक में करीब तीन हजार सांसद भाग लेते हैं।
चीन में राजनीतिक रुप से इस बैठक को सबसे महत्वपूर्ण बैठक माना जाता है और इसमें देश में सत्ता पर काबिज कम्युनिस्ट पार्टी के कामकाज का लेखा जोखा रखा जाता है। यह सालाना बैठक 2003 में सार्स के खतरे के समय भी नहीं रोकी गई थी। इकसे पूर्ण सत्र की बैठक पांच मार्च को होनी है। अब इसके भविष्य का फैसला 24 फरवरी को होगा। इस दिन यह तय होगा कि बैठक टाली जाए या फिर कैसे भी करके इसे संपन्न किया जाए।