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सार
- प्रशासन ने छिपाई जनता से जानकारी, समय रहते जनता को नहीं किया जागरूक
- कम्युनिस्ट पार्टी काडर के दबाव में रहते हैं नौकरशाह
- जानकार बोले, चीन के नक्शेकदम पर चलने वाले देश लें सबक
विस्तार
बता दें कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस जानलेवा वायरस के कारण अब तक 803 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 34,500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में उच्च स्तर पर इस तरह आरोप-प्रत्यारोप वाकई हैरान करने वाले हैं। जानकारों का कहना है कि कोरोना को रोकने में विफल रहे चीन में पहली दफा जनता की नजरों में उनके सरकारी तंत्र की पोल खुल गई है, जिसे बड़े स्तर पर सफलतापूर्वक कार्य करने में दक्ष माना जाता था। चीन के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने कार्यकाल में नौकरशाहों और टेक्नोक्रेट्स से ज्यादा पार्टी काडर को तवज्जो दी है।
China virus death toll soars to 803, official says: AFP news agency #Coronavirus
— ANI (@ANI) February 8, 2020
इसके चलते पार्टी काडर नौकरशाही पर हावी हो गया है। नौकरशाह ऐसा कोई भी निर्णय लेने से कतराते हैं, जिससे सरकार की आलोचना हो। मशहूर चीनी लेखक और वहां की राजनीति-नौकरशाही पर नजर रखने वाले शु काइझेन का मानना है कि कोरोना वायरस के बेकाबू होने में मौजूदा प्रशासनिक हालात का बड़ा योगदान है। वुहान से फैली महामारी ने स्थानीय सरकार की कमजोर कार्रवाई और नौकरशाहों के मन में शीर्ष स्तर पर बैठे नेताओं के भय को उजागर कर दिया है।
कम्युनिस्ट पार्टी नेतृत्व को था महामारी का भान
सूत्रों का कहना है कि पिछले सप्ताह एक बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने स्वीकारा था कि कोरोना वायरस चीन के लिए कड़ी परीक्षा साबित होगा। लेकिन इसके बावजूद हालात विकट ही नजर आए। अधिकारी वुहान समेत कई शहरों में अहम जानकारियां छिपाते रहे या भ्रामक जानकारी देते रहे।
चीन के नक्शे कदम पर चलने वाले देश लें सबक
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ दशकों में चीन में विकास की तेज रफ्तार ने सभी को आकर्षित किया है। कई देशों से हजारों नेताओं-नौकरशाहों ने वहां के राजनीतिक-प्रशासनिक तंत्र को समझने के लिए दौरे किए हैं। लेकिन चीन की मौजूदा परिस्थिति इन देशों के लिए भी सबक है।
शी जिनपिंग को कोस रहे लोग
चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर शायद ही कोई सवाल करने की हिम्मत करता है। लेकिन मौजूदा परिदृश्य में शी की सार्वजनिक रूप से अनुपस्थिति पर लोग सवाल उठा रहे हैं। वे उनकी तस्वीर पोस्ट कर पूछे रहे हैं कि शी कहां हैं? खासतौर पर डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत के बाद तो जनता में रोष चरम पर है।
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