नई दिल्ली। दिल दहला देने वाले बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली की साकेत अदालत ने मंगलवार को 19 दोषियों की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखने हुआ कहा कि आगामी 11 फरवरी को 2.30 बजे दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।
इस दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से पेश सरकारी वकील अमित जिंदल ने मामले के दोषी और पूर्व विधायक बृजेश ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने की अपील की। दरअसल बृजेश ठाकुर ही मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का प्रबंधन करने वाले गैर सरकारी संगठन (NGO) सेवा संकल्प एवं विकास समिति के प्रमुख हैं।
Muzaffarpur (Bihar) Shelter Home case: Delhi’s Saket Court reserves order for 11th February, after hearing arguments on the quantum of sentence for the convicts. CBI has sought life imprisonment for convicted NGO owner Brajesh Thakur.
— ANI (@ANI) February 4, 2020
वहीं, दूसरी तरफ दोषियों के वकील ने बाकी दोषियों की कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए अदालत से उन्हें कम से कम सजा देने की मांग की। इससे पहले बीते 20 जनवरी को अदालत ने इस मामले में बृजेश ठाकुर समेत 18 अन्य को दोषी करार दिया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बिहार से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए आदेश सुनाया था कि इसका निपटारा छह माह के भीतर किया जाए। इसके बाद ट्रायल कोर्टच ने मामले के 20 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे।
बता दें कि वर्ष 2018 में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला उस वक्त सामने आया था जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) ने यहां रहने वाली लड़कियों के साथ यौन शोषण को लेकर हलफनामा दर्ज कराया था। शेल्टर होम में 40 लड़कियों के साथ यौन शोषण किया गया था।