वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेरिस
Updated Tue, 18 Feb 2020 10:04 AM IST
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Pakistan issue will be taken up today in International Co-operation Review Group (ICRG), a part of FATF (Financial Action Task Force).
— ANI (@ANI) February 18, 2020
एफएटीएफ ने सोमवार को कहा कि संस्था द्वारा आतंक के वित्त पोषण पर सख्ती के बावजूद गैरकानूनी गतिविधियों और दुनिया भर में समर्थकों से जुटाए गए धन से कई आतंकवादी समूहों को अभी भी फायदा मिल रहा है। इस बारे में भारत का कहना है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों को नियमित रूप से समर्थन प्रदान करता है, जिनका मुख्य निशाना भारत है।
भारत ने एफएटीएफ से इस्लामाबाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। पेरिस में हफ्ते भर चलने वाली एफएटीएफ की अहम बैठक में तय होगा कि पाकिस्तान संस्था की ‘ग्रे सूची’ में बना रहेगा या उसे ‘काली सूची’ में डाला जाएगा या वह इन सूचियों से बाहर हो जाएगा। पाकिस्तान का नाम लिए बिना एफएटीएफ ने एक बयान में कहा कि आतंकवादी धन पाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, इसमें नए अनुयायियों की पहचान के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल और उनसे धन की मांग शामिल है।
संस्था ने कहा, ‘एफएटीएफ ने आतंक के वित्तपोषण पर मानकों को सख्त बनाया है, जिससे आईएसआईएल और अल-कायदा जैसे समूहों की धन तक पहुंच घटाने में मदद मिली है। हालांकि विभिन्न समूह अभी भी गैरकानूनी गतिविधियों और दुनिया भर में समर्थकों से धन जुटा रहे हैं।’
जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला था
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था। उसे संस्था की काली सूची में जाने से खुद को बचाने के लिए 27 सूत्रीय एक्शन प्लान सौंपा गया था। यदि संस्था को लगता है कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान पर काम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है।