भारत के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी अशोक चटर्जी का शनिवार को निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे। 25 दिसंबर 1942 को जन्म अशोक के घर में पत्नी, पुत्र संदीप, पुत्रवधु और एक पोता हैं। चटर्जी भारत की सीनियर टीम के लिये 30 मैच खेले। उन्होंने अपना पदार्पण 1965 में मर्डेका कप में जापान के खिलाफ मुकाबले में किया था, जिसमें वह दूसरे हाफ में पीके बनर्जी के लिए स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर उतरे थे। उन्होंने भारत के लिये 10 गोल किए, जिसमें 1966 मर्डेका कप में ग्रुप लीग चरण में जापान के खिलाफ 3-0 क जीत के दौरान दो गोल शामिल थे।
मर्डेका टूर्नामेंट में भारत के लिए खेलते हुए उन्होंने हांगकांग, जापान, थाईलैंड, म्यांमार और पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन कर गोल किए थे। उन्होंने 1966 में बैंकॉक में हुए एशियाई खेलों में भी हिस्सा लिया था।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने विज्ञप्ति में शोक व्यक्त करते हुए कहा, ”अशोक चटर्जी के निधन की खबर सुनकर काफी दुख हुआ। उनके भारतीय फुटबॉल में योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।” उन्होंने 1969 से 1971 तक ईस्ट बंगाल का और संतोष ट्रॉफी में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था।
AIFF condoles 🙏🏻 Ashok Chatterjee’s death 😢
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— Indian Football Team (@IndianFootball) February 22, 2020
Ashoke Chatterjee legendary striker and one of the heroes of East Bengal’s triumph vs Pas Club in the 1970 IFA Shield Final – RIP Below Ashoke Chatterjee in action vs PAS Club pic.twitter.com/JIi1fD1p6G
— Gautam Roy (@gautamfootball) February 22, 2020
Ashok Chatterjee,who was honoured by Mohun Bagan Lifetime Achieve Award 2019 is no more with us.
Rest In Peace Sir. pic.twitter.com/DhraC11wYc— Mariners’ Army (@ArmyMariners) February 22, 2020
मोहन बागान क्लब के लिए खेलते हुए उन्होंने शिल्ड, डुरंड और रोवर कप में जीत हासिल की थी। उस समय मोहन बागान ने लगातार चार सालों तक कलकत्ता लीग और तीन साल तक डुरंड कप जीता था। मोहन बागान ने 2019 में अशोक को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से नवाजा था।