वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी महामारी से लड़ने के लिए 16 साल की बच्ची पर्यावरणविद् ग्रेटा थुनबर्ग (Greta Thunberg) भी आगे आई हैं। वे यूनीसेफ से जुड़ गई हैं। उनका कहना है कि जलवायु संकट की तरह कोरोना वायरस ने बच्चों को काफी प्रभावित किया है। मैं सभी को बच्चों की जिंदगी बचाने, स्वास्थ्य की रक्षा करने और शिक्षा जारी रखने के लिए यूनिसेफ के महत्वपूर्ण काम के समर्थन में लोगों से अपील करती वे मुझसे जुड़े।
थुनबर्ग ने अमरीका में आयोजित हुए संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु सम्मेलन के दौरान नेताओं को लताड़ लगाने वाला भाषण देकर दुनियाभर में छा गईं थीं। ग्रेटा थुनबर्ग स्वीडन की एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं, जो जलवायु परिवर्तन की वजह से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज बुलंद कर चुकी हैं। इस मामले में थुनबर्ग ने कई अभियानों में हिस्सा भी लिया है।
दिसंबर 2018 में पौलेंड में अपने भाषण के बाद ग्रेटा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई का बड़ा चेहरा बनकर सामने आई थीं। भाषण में उसने कहा था कि वह धरती के नीचे मौजूद तेल और खनिज भंडारों को बचाना चाहती हैं। इसके साथ ही दुनिया में समानता लाने पर ध्यान देने की जरूरत है।
पौलेंड में मीडिया ओर दुनिया के बड़े-बड़े राजनेताओं, क्लाइमेट चेंज साइंटिस्ट्स और जर्नलिस्ट्स की मौजूदगी में उन्होंने कहा था अगर सिस्टम के अंदर रहकर समाधान नहीं खोजा जा सकता तो फिर हमें सिस्टम को ही बदल देना चाहिए।