नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता की मां ने इस पर खुशी जताते हुए कहा है कि एक सप्ताह बाद दोषियों को जल्द फांसी पर लटका दिया जाएगा।
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दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद वहां मौजूद 2012 गैंगरेप-मर्डर पीड़िता निर्भया की मां ने कहा, “मैं दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं। अदालत ने चारों दोषियों को एक सप्ताह का वक्त दिया है कि वे उपलब्ध सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लें। इसके बाद दोषियों को जल्द ही फांसी दे दी जाएगी।”
उन्होंने कहा कि इससे पहले सजा-ए-मौत से बचने के लिए दोषियों के पास उपलब्ध कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने के लिए कोई समयसीमा नहीं था, जिसे अब बदल दिया गया है।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: I welcome Delhi High Court’s verdict. It gives all 4 convicts 1 week to resort to all legal remedies available to them. After this, the convicts should be hanged soon. pic.twitter.com/i67pUPFIQ2
— ANI (@ANI) February 5, 2020
उन्होंने आगे कहा, “असली समस्या यही थी कि उनके पास उपलब्ध कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने की कोई समयसीमा नहीं थी, जिससे वो फांसी में देरी की कोशिश कर रहे थे। अब इसके लिए उन्हें तय वक्त दे दिया गया है। मुझे उम्मीद है कि उनकी दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज कर दी जाएगी। मैं सरकार से गुजारिश करती हूं कि वो अब फांसी में देरी ना करे।”
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वहीं, निर्भया के पिता ने भी दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर संतोष जताया। उन्होंने सरकार से अपील की कि वो जेल मैनुअल में तब्दीली करे ताकि गैंगरेप के दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सके।
मौजूदा नियमों के मुताबिक सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाती है और जब तक उनमें से किसी भी समीक्षा याचिका, क्यूरेटिव पेटिशन या दया याचिका विचाराधीन पड़ी है, किसी को भी फांसी नहीं दी जा सकती।
2012 Delhi gang-rape case: Delhi High Court dismisses Centre’s plea challenging trial court order which had stayed the execution of all 4 convicts. Court says death warrant against all 4 convicts can’t be executed separately. https://t.co/OYU4r1tyDM
— ANI (@ANI) February 5, 2020
उन्होंने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा का वादा करके ही दिल्ली सरकार सत्ता में आई। उन्हें समझना चाहिए कि आजकल देश में गैंगरेप में बढ़ोतरी हुई है। सरकार को यह नियम बनाना चाहिए कि वो दोषियों को एक-एक कर फांसी दे। मैं आज के हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।”
गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने 2012 निर्भया गैैंगरेप-मर्डर केस के चारों दोषियों को उनके पास मौजूद सभी कानूनी उपायों के इस्तेमाल के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। इस संबंध में जस्टिस सुरेश कुमार कैत की सिंगल जज बेंच ने कहा कि एक सप्ताह के बाद दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट की कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने यह पाया कि दिल्ली प्रिजन रूल्स के मुताबिक अगर दया याचिका दाखिल कर दी जाती है तो इसके खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिनों का वक्त दिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट को अलग-अलग इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।