हर्निया आमतौर पर पेट में होता है लेकिन यह जांघ के ऊपरी हिस्से, नाभि और कमर के आसपास भी हो सकता है। अधिकांश हर्निया घातक नहीं होते हैं, इलाज में देरी से दिक्कतें बढ़ती हैं।

क्या है हर्निया की समस्या
जब शरीर का कोई भाग, शरीर के किसी मांसपेशी के सामान्य या असामान्य छेद से बाहर निकल जाए तो उसे हर्निया कहते हैं। यह शरीर के अंदर व बाहर दोनों हो सकतेे हैं। इसके दो प्रकार होते हैं। पहला एक्सटर्नल हर्निया दूसरा इंटरनल हर्निया। एक्सटर्नल हर्निया में शरीर का भाग मांसपेशियों के छेद से बाहर निकल जाता है और इंटरनल हर्निया में शरीर का भाग मांसपेशियों के छेद से निकलकर शरीर के अंदर रहता है। इनके कई प्रकार होते हैं। हर्निया ज्यादा बड़ा है और पेट में ज्यादा स्थान घेर लिया गया है तो अन्नप्रणाली (एसोफेगस) को छाती में विस्थापित किया जा सकता है। मगर यह भी स्थिती और शारीरिक रचना पर निर्भर करता है। पेट में मोड़ भी आ सकता है जिससे हैस्ट्रैंगुलेशन का ख़तरा बढ़ जाता है।
इन चीजों से मिलती राहत : यदि हर्निया बढ़ रहा और दर्द भी कर रहा है तो चिकित्सक सर्जरी की सलाह देते हैं। प्रभावित भाग की ओपेन व लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। इसके बाद चिकित्सक अनुसार दवाएं व सावधानियां बरतनी होती हैं।
एक्सपर्ट : डॉ. सुमिता ए. जैन, जनरल सर्जन, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर