सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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सार
- ऑनलाइन गेमिंग में एक सप्ताह में 14 घंटे का समय बिताती हैं लड़कियां
- सोशल मीडिया पर लड़कों को खूब भाता है फेसबुक और स्नैपचैट
- मीडिया रेगुलेटर ऑफकॉम ने ‘द एज ऑफ डिजिटल इंडिपेंडेंस’ की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
विस्तार
मीडिया रेगुलेटर ऑफकॉम ने ‘द एज ऑफ डिजिटल इंडिपेंडेंस’ की एक वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि तीन से चार साल के 24 प्रतिशत बच्चों के पास अपना टैबलेट है। इनमें से 15 प्रतिशत बच्चों को इन गैजेट को अपने साथ 24 घंटे तक रखने की अनुमति है।
संस्था ने बच्चों की सोशल मीडिया की आदतों और उनके अन्य तरह के गैजेट के इस्तेमाल साल 2019 में एक रिसर्च की। ऑफकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट में मोबाइल फोन को बच्चों की पहली पसंद बताया गया है। उनके अभिभावकों का कहना है कि आजकल के बच्चे बिना इंटरनेट के दुनिया को नहीं जानते।
दस वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे अधिकतर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही सामाजिक कारणों और संस्थाओं के प्रति हमेशा एक्टिव रहते हैं और उनके प्रति अपने समर्थन को भी प्रदर्शित करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 18 प्रतिशत बच्चे किसी न किसी पोस्ट को शेयर या कमेंट जरूर करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 17 वर्षीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग का इसमें रोल है। वहीं 45 प्रतिशत अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के इंटरनेट इस्तेमाल करने के जोखिम तो हैं, लेकिन लाभ भी है। हालांकि रिपोर्ट के बाद अभिभावकों की चिंताएं बढ़ी हैं।
उन्हें लगता है कि बच्चे ऐसे कंटेंट भी देख रहे हैं, जिससे वो अपने को नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही 80 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया पर वीडियो ऑन डिमांड देखते हैं, जबकि 62 प्रतिशत की दिलचस्पी व्हाट्सएप में है। इसके अलावा पांच से 15 वर्ष की 48 प्रतिशत लड़कियां और 71 प्रतिशत ऑनलाइन गेम खेलते हैं।