नई दिल्ली | बॉलीवुड एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) को हम भले ही इस नाम से बुलाते हैं लेकिन उन्होंने अपने नाम से सरनेम हटाकर सिर्फ इरफान कर लिया था। इरफान हमेशा से काबिलियत में बहुत विश्वास रखते थे और आज लोग उनकी एक्टिंग के कायल हैं। इरफान इतने कमाल के एक्टर थे कि हर कोई काम करना चाहता था। लेकिन वो काम के साथ-साथ इंडस्ट्री से उस विचारधारा को खत्म करना चाहते थे जहां खान्स की बात की जाती है। इरफान (Irrfan) चाहते थे कि उनका धर्म उनके काम के बीच में बिल्कुल भी ना आए।
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इरफान का यूं अचानक दुनिया को अलविदा करना सभी के लिए किसी सदमें से कम नहीं है। आज लोग उनके काम से लेकर उनके विचारों के बारे में बात कर रहे हैं। इरफान एक अलग किस्म के व्यक्ति थे, वो अपने निर्णयों के साथ बहुत स्पष्ट थे। इरफान ने अपना सरनेम खान हटाकर इसे सिर्फ Irrfan कर दिया।
एक बार इरफान ने इसी सवाल पर कहा था- मुझे मेरे काम से जाना जाए ना कि धर्म या वंश के आधार पर, जैसे बॉलीवुड में खानों का बोलबाला रहता है। मैं जब भी अपने होमटाउन जाता हूं तो मुझे दुख होता है कि लोग इस बारे में बात करते हैं कि हमारे पूर्वजों ने क्या किया है, कैसे किया है लेकिन वो अपनी खुद की जिम्मेदारियों के बारे में नहीं बात करते, उसे नहीं समझते। ये बहुत दुखद है।
इरफान ने बताया था- मैंने सरनेम को हटाने का फैसला बहुत सोच समझकर लिया है। मैं समझता हूं कि अपने जीवन की जो कहानी हम लिखना चाहे वो लिख सकते हैं और इसका मेरे धर्म और वंश से कोई लेना-देना नहीं है। मैं जो काम कर रहा हूं यहीं मुझे आगे बढ़ाएगा। मैं चाहता हूं कि मुझे उसी के लिए जाना जाए। मेरी धर्म से जुड़ा जो भी कुछ है उसका जनता से क्या लेना-देना।