KL Rahul टीम इंडिया के ऐसे करिश्माई खिलाड़ी बनते जा रहे हैं, जो टीम इंडिया के लिए हर भूमिका के लिए तैयार हैं।

माउंट माउंगानुई : भारत (Indian Cricket Team) ने सीरीज के पांचवें और अंतिम टी-20 मैच में न्यूजीलैंड (New Zealand Cricket Team) को सात रनों से हराकर पांच टी-20 मैच की सीरीज में 5-0 कब्जा कर लिया। यह मैच टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (KL Rahul) के लिहाज से काफी शानदार रहा। उन्होंने इस सीरीज में काफी शानदार बल्लेबाजी की। इसके अलावा विकेट के पीछे भी शानदार प्रदर्शन किया। उनके लिए भी लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि सीरीज के अंतिम मैच में वह टीम इंडिया की गेंदबाजी के दौरान कप्तान बना दिए गए और उन्होंने शानदार कप्तानी का नमूना पेश करते हुए भारत को जीत दिला दी।
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ऐसे मिला मौका
आखिरी टी-20 मैच से कप्तान विराट कोहली ने आराम लिया था और उनकी जगह चौथे मैच में आराम लेने वाले टीम इंडिया के उपकप्तान रोहित शर्मा ने अंतिम एकादश में वापसी की। इस बीच 17वें ओवर में जब वह 60 रन बनाकर खेल रहे थे तो उनकी पिंडली की मांसपेशियां खिंच गई। मैदान पर फीजियो नितिन पटेल आए, लेकिन रोहित उसके बाद आगे बल्लेबाजी जारी नहीं रख पाए। वह लंगड़ाते हुए पैवेलियन लौट गए। इसके बाद वह टीम इंडिया की गेंदबाजी के दौरान भी मैदान पर नहीं उतर सके। ऐसे समय में उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी करने का मौका मिला और उन्होंने भारत को जीत दिला दी। हालांकि आधिकारिक रिकॉर्ड बुक में यह जीत रोहित शर्मा की कप्तानी में ही दर्ज होगा, लेकिन केएल राहुल के योगदान को नकारा नहीं जा सकता।
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बल्लेबाज से विकेटकीपर और फिर कप्तान
केएल राहुल के सितारे बुलंद हैं। इन दिनों वह जो कुछ भी कर रहे हैं, उसी में कामयाब हो रहे हैं। इस सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज के पहले मैच में ऋषभ पंत बल्लेबाजी के दौरान चोटिल हुए और मजबूरी में उन्हें विकेटकीपिंग संभालनी पड़ी। इसके बाद विकेट के पीछे और बल्ले से उन्होंने इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में टीम इंडिया ने उन्हें नियमित विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी सौंप दी। इस सीरीज में मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने वाले राहुल को शिखर धवन के चोटिल होने के बाद ओपन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई और वह इस पर भी खरे उतरे। पांचों टी-20 में शानदार बल्लेबाजी की और अब अंतिम मैच में रोहित की चोट के बाद उन्होंने बतौर कार्यवाहक कप्तान टीम इंडिया को जीत दिलाकर यह साबित कर दिया कि वह कप्तानी भी कर सकते हैं।