Brian Lara और Sachin Tendulkar सर्वकालिक महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं और ये दोनों एक-दूसरे की खुलकर तारीफ करते हैं।
नई दिल्ली : वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा (Brian Lara) और भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) न सिर्फ अपने समय के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं, बल्कि इन दोनों की गिनती सर्वकालिक महानतम खिलाड़ियों में होती है। इन दोनों ने कई बार अपने दम पर कई मैच का नक्शा पलटा है। इन दोनों के बीच याराना भी काफी गहरा है। ये दोनों समय-समय पर एक दूसरे के खेल की तारीफ करते रहते हैं। लारा ने एक बार फिर सचिन की तारीफ की है। उन्होंने सचिन की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2004 में सिडनी में खेली गई 241 रन की बेहतरीन पारी को बेहद अनुशासित पारी बताते हुए इससे जीवन में सीख लेने की सलाह दी है।
ऑफ स्टंप के बाहर एक बार भी नहीं चलाया बल्ला
अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने ऑफ स्टंप से बाहर की गेंद को न छेड़ने का फैसला लिया था और इसे कर के दिखाया। उन्होंने 241 रन की अपनी पारी में में से 188 रन सिर्फ लेग साइड पर बनाए। लारा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि सचिन हमारे शानदार खेल के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं। हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी 241 रन की पारी से जीवन में कुछ भी करने के लिए आवश्यक अनुशासन की सीख सकते हैं। बता दें कि लारा का यह बयान तब आया है, जब कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया थम गई है और देश में लॉकडाउन है। इसका सीधा अर्थ यह निकलता है कि अगर हम सचिन की इस पारी की तरह बाहर न जाकर घर में रहें तो इस महामारी पर विजय पा सकते हैं।
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इस दौरे के पहले तीन टेस्ट में विफल रहे थे सचिन
बता दें कि तेंदुलकर ने यह पारी तब खेली थी, जबकि उनका बल्ला कुंद पड़ा हुआ था। वह ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे पर पहले तीन टेस्ट में कुछ नहीं कर पाए थे। उन्होंने पांच पारियों में महज 16.40 की औसत से 82 रन ही बनाए थे। इसके बाद चौथे टेस्ट में यह पारी आई थी। इस पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की यह रणनीति थी कि ऑफ साइड में क्षेत्ररक्षकों की फौज खड़ी कर लगातार ऑफ स्टंप से बाहर सचिन को गेंद खेलाया जाए। सचिन पिछले तीनों टेस्ट में इस ट्रैप में आ गए थे।
चौथे टेस्ट में चट्टान की तरह अड़ गए
इसके बाद सिडनी में खेले गए चौथे और अंतिम टेस्ट में सचिन ने रणनीति बदली और उन्होंने तय कर लिया कि ऑफ साइड से बाहर जाती गेंदों को नहीं खेलेंगे। यहां तक कि अपना पसंदीदा कवर ड्राइव भी न लागने का फैसला किया। इस मैच में तेंदुलकर 10 घंटे 13 मिनट और कुल 436 गेंदों तक बल्लेबाजी की। इस पारी में उन्होंने 241 रन पर 188 रन लेग साइड पर बनाए। इनमें से 33 में से 28 चौके उन्होंने लेग साइड में लगाए थे।
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सचिन के संयम के कारण ऑस्ट्रेलिया को बदलनी पड़ी स्ट्रैटजी
अपनी इस पारी के बारे में सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि वह इस सीरीज में दो बार ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर आउट हुए थे। इस कारण उन्होंने कवर ड्राइव न खेलने का फैसला लिया। ऑस्ट्रेलियाई लगातार ऑफ स्टंप से बाहर गेंद फेंक रहे थे। जब उन्होंने इन सारी गेंदों को छोड़ दिया, तब उन्होंने सचिन की सीध में स्टंप पर गेंदबाजी की और उन्होंने गेंद की तेजी का फायदा उठाया।