इराक के नए प्रधानमंत्री मोहम्मद तावफिक अलवी
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प्रदर्शनकारियों ने एक बयान में कहा, बगदाद में प्रदर्शनकारियों द्वारा रखी गईं शर्तों के बावजूद राजनीतिक दमन के अधिकार देश के नागरिकों के पक्ष में नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, 2006 और 2010 में संचार मंत्री रहे अलवी 2003 से ही देश को चौपट करने वाली राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं। उस वक्त अमेरिका ने इराक में घुसपैठ कर सद्दाम हुसैन का शासन खत्म किया था।
उन्होंने अन्य शहरों में भी साथी प्रदर्शनकारियों से भी अगले शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आव्हान किया। बता दें कि पूर्व पीएम अदेल अब्देल महदी ने दो माह पूर्व ही पद से इस्तीफा दिया था और वे सिर्फ अंतरिम तौर पर पद संभाले हुए थे। इसी दौरान ईरानी सेना के कमांडर सुलेमानी को एक ड्रोन हमले में अमेरिका ने मार गिराया था।
इससे पहले इराक के सरकार विरोधी प्रदर्शनों को तब झटका लगा जब शक्तिशाली शिया धर्मगुरु मुकतदा अल-सद्र ने आंदोलन से अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने देश के दक्षिणी हिस्से में प्रदर्शनकारियों के जमावड़ा वाले इलाकों में लगाए गए तंबुओं को आग के हवाले कर दिया। वहीं बगदाद में प्रदर्शनकारियों के कब्जे वाली चौकियों को खाली करा दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, अल-सद्र के अनुयायियों और मिलिशिया समूह की मौजूदगी ने प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा बलों व अन्य अज्ञात समूहों से बचाव के लिए सुरक्षा दीवार खड़ी की हुई थी। अब इन लोगों के चले जाने से चार महीने से जारी आंदोलन कमजोर पड़ गया है।
बता दें कि इराक में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। एक ट्वीट में, अल-सद्र ने बगदाद के तहरीर चौक में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की थी। अमेरिका विरोधी रैली के बाद अल-सद्र ने यह ट्वीट किया था।