नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वर्ष 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में एक बार फिर नया मोड़ सामने आया है। निर्भया के माता-पिता ने एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। चारों दोषियों को फांसी देने को लेकर निर्भया के अभिभावकों ने अर्जी दाखिल की है।
चारों गुनहगारों की फांसी पर रोक की पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर केंद्र की याचिका के जल्द निपटारे के लिए मंगलवार को निर्भया के माता-पिता ने एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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जल्द से जल्द दी जाए फांसी
निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि केंद्र की याचिका पर देरी ना करते हुए कोर्ट इस पर जल्द निपटारा करें। यही नहीं दोषियों को जल्द फांसी हो।
जस्टिस सुरेश कैत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए निर्भया के माता-पिता के वकील को यह आश्वासन दिया कि इस मामले में जल्द से जल्द आदेश पारित किया जाएगा।
आपको बात दें कि इस मामले पर कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
2 फरवरी को हुई थी सुनवाई
निर्भया के गुनहगारों की फांसी पर रोक के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट में रविवार को विशेष सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दोषियों को जल्द फांसी देने की अपील की।
तुषार मेहता ने अपनी दलील देते हुए कोर्ट में कहा था कि दोषी कानून की कमजोरी का फायदा उठाकर लगातार सजा से बच रहे हैं।
तेलंगाना में डॉक्टर से दुष्कर्म के आरोपियों का जब एनकाउंटर हुआ तो लोगों ने इंसाफ के लिए ही इसका जश्न मनाया था, न कि पुलिस के लिए।
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हालांकि इससे गलत संदेश गया… न्यायपालिका की विश्वसनीयता और इसकी सजा देने की शक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।