पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी दीपा मलिक भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की नई अध्यक्ष चुनी गई हैं लेकिन इसके लिए हुए चुनाव के नतीजे दिल्ली उच्च न्यायालय में एक लंबित मामले की सुनवाई के बाद मान्य होंगे। रियो ओलंपिक में गोला फेंक (एफ-53 स्पर्धा) में रजत पदक जीतने वाली 49 साल की दीपा को शुक्रवार को बेंगलुरु में हुए चुनाव में निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया।
दीपा ने पीसीआई को टैग करते हुए ट्वीट किया, ”भारतीय पैरालंपिक में नए कार्यकाल की शुरुआत के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौपने और भारत में पैरा खेलों में एथलीट केंद्रित दृष्टिकोण का स्वागत करने पर मैं आभार व्यक्त करना चाहती हूं। उन्होंने कहा, ”मेरे लिए यह बड़ा बदलाव का मौका होगा। व्यक्तिगत तौर पर मुझे उम्मीद है कि आपका समर्थन मिलना जारी रहेगा। मैं पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए तत्पर हूं।
(1/2) My heartiest congratulations on the commencement of new innings of a fresh tenure in @ParalympicIndia. Expressing my gratitude on being trusted with the Presidentship and welcoming an athlete centric approach in para sports in India. https://t.co/oqIj2EM7Lk
— Deepa Malik (@DeepaAthlete) February 1, 2020
(2/2) A huge transition for me, personally, for which I hope for continued support. I look forward to disposing my duty with full honesty and integrity!
— Deepa Malik (@DeepaAthlete) February 1, 2020
पूर्व अध्यक्ष राव इंदरजीत सिंह को हटाए जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त हुए गुरशरण सिंह भी निर्विरोध महासचिव चुने गए। कविंदर चौधरी और शशि रंजन को उपाध्यक्ष जबकि एम महादेवा को कोषाध्यक्ष चुना गया है। नाले नंदकिशोर बाबूराव और कांतिलाल परमार सह सचिव चुने गए है। निर्वाचन अधिकारी आर राधा (सेवानिवृत्त जिला और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश) ने नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि इस चुनाव के परिणाम दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित एक मामले के पारित होने के बाद मान्य होंगे।
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