पेरिस। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स ( FATF ) से पाकिस्तान ( Pakistan ) को कोई राहत नहीं मिली है।
फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट ( Gray List ) में बरकार रखा है। हालांकि FATF की बैठक में पाकिस्तान को तुर्की और मलेशिया का समर्थन जरूर मिला है।
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फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रही FATF की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखने का फैसला हुआ। यह बैठक एक हफ्ते तक चलेगी।
Sources: Pakistan to remain in Financial Action Task Force (FATF) grey list. Turkey and Malaysia supported Pakistan. pic.twitter.com/M0z0Ppt7rY
— ANI (@ANI) February 18, 2020
ग्रे सूची से बार निकलने के लिए 12 मतों की जरूरत
पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए 39 में से 12 मतों की जरूरत होगी, जबकि काली सूची में जाने से बचने के लिए उसे तीन देशों का समर्थन चाहिए। फिलहाल तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट होने से बचा लिया है।
FATF ने पाकिस्तान से धनशोधन और आतंक वित्तपोषण के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘पाकिस्तान द्वारा आतंक वित्तपोषण के खिलाफ उठाए गए कदमों पर FATF ने संतोष व्यक्त किया है।’
आतंकियों पर कार्रवाई के लिए कानून में किए गए हैं आवश्यक संशोधन: पाकिस्तान
आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने की दिशा में काम करने वाली संस्था एफएटीएफ की बैठक पेरिस में 16 फरवरी से शुरू हुई और यह 21 फरवरी तक चलेगी। इसमें इस बात की समीक्षा की जा रही है कि पाकिस्तान ने आतंक वित्तपोषण और धनशोधन पर लगाम के लिए उसे सौंपी गई 27 सूत्रीय कार्ययोजना पर किस हद तक अमल किया है। इसी पर पाकिस्तान का एफएटीएफ की ग्रे सूची में रहना या इससे निकलकर व्हाइट सूची या काली सूची में जाना निर्भर करेगा।
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रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि आतंकवादी हाफिज सईद को दी गई सजा का उल्लेख करते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने बैठक में कहा कि पाकिस्तान में न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है और वह मामले के गुण-दोष के आधार पर फैसले लेती है। उन्होंने कहा कि ‘एफएटीएफ कार्ययोजना पर अमल कर पाकिस्तान ने धनशोधन व आतंक वित्तपोषण पर काफी हद तक काबू पा लिया है।’
सूत्रों के मुताबिक, बैठक को बताया गया कि 27 सूत्रीय कार्ययोजना में से पाकिस्तान ने 14 पर पूरी तरह से अमल कर लिया है, 11 पर आंशिक रूप से अमल किया है जबकि दो बिंदु ऐसे हैं कि उन्हें लागू कर पाना संभव नहीं है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि सजा को सुनिश्चित करने के लिए कानूनों में आवश्यक संशोधन किए गए हैं।
इमरान ने दुनिया से कहा झूठ
आपको बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए ने दुनिया के सामने झूठ बोला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए स्वर्ग नहीं है।
हालांकि उन्होंने ये जरूर माना कि 9/11 के बाद आतंकी गतिविधि यहां पर अफगानी रिफ्यूजी कैंप से चलती थी। इसे रोकना आसान नहीं था, क्योंकि यहां इन रिफ्यूजी की आबादी एक लाख से ज्यादा है।
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इसके अलावा पाकिस्तान ने आतंकी अजहर मसूद को लेकर झूठ बोला। पाकिस्तान ने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि अजहर मसूद कहां है। लेकिन मीडिया में जो खबरें आई उसमें ये बात साफ हो गई है अजहर मसूद बहावलपुर में छिप बैठा है। ये इलाका पाकिस्तानी सेना की पहुंच के बेहद करीब है।
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