लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली, Updated Mon, 10 Feb 2020 07:34 PM IST
मैंने कई रातें बस रोते हुए गुजारी हैं। कई डॉक्टरों से मुलाकात के बाद मेरी तकलीफ बढ़ गई थी। हर पल निराशा बढ़ रही थी और मेरी परेशानी भी। अपनी समस्या से लड़ने के लिए मैं चोरी-छिपे भारत से कई सौ ब्रिटिश पाउंड की वायग्रा मंगवा चुका हूं। 20 गोलियों का एक पैकेट आता था, जिसमें एक गोली की कीमत होती थी करीब 150 रुपए। बाथरूम में जाकर मैं वो गोली खाता था और ये महसूस करने की कोशिश करता था कि सब ठीक है।