Union Budget 2020: केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई नई घोषणाएं की हैं। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टीबी को हराने, पीपीपी मॉडल व आयुष्मान योजना के तहत नए अस्पतालों की निर्माण
Union Budget 2020 /strong>: केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई नई घोषणाएं की हैं। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टीबी को हराने, पीपीपी मॉडल व आयुष्मान योजना के तहत नए अस्पतालों की निर्माण, 2022 तक हर जिले में जन औषधि केंद्र बनाने की घोषणा की। उन्होंने स्वास्थ्य सेक्टर के लिए 69 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में आयुष्मान भारत योजना के तहत नए अस्पताल बनाने की घोषणा भी की। आयुष्मान भारत योजना देश के हर व्यक्ति को सुलभ चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए जानी जाती है। आइए जानते है इस योजना, प्रकिया और इसके लाभों के बारे में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2018 को आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। असल में यह ऐसी सेहत की योजना है जिसके दायरे में आने वाले परिवारों को 5 लाख रुपए तक के Cashless Health Insurance यानी नगद रहित स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जाती है। बीपीएल कार्ड धारक लोग भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
प्रक्रिया
जैसे ही आप मरीज को अस्पताल में एडमिट करते हैं, आपको बीमा से जुड़े सारे कागजात पेश करने होते हैं। अस्पताल की ओर से इसके आधार पर ही संबंधित बीमा कंपनी को सूचना दी जाती है। जिसमें इलाज में आने वाले खर्च का विवरण होता है।
आधार कार्ड की अनिवार्यता नहीं
इस योजना के संबंध में यह राहत भरी बात है कि इसका लाभ लेने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता नहीं है। आधार कार्ड के बिना भी इसके लिए आवेदन दिया जा सकता है। पिछले समय में सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था दी थी कि शासकीय योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड अब अनिवार्य नहीं होगा।
योजना में इन बीमारियों का इलाज संभव
आयुष्मान योजना के तहत प्रसव संबंधी मामले, संक्रामक और गैर-संक्रामक बीमारियों, नवजात शिशुओं की सेहत, किशोर स्वास्थ्य सुविधा, आंख, नाक, गला, कान संबंधी रोग ENT आदि के इलाज की सुविधा है। इसके अलावा, उम्रदराज लोगों का भी इलाज इस योजना में करवाया जा सकता है।
इतने राज्यों में बनाए गए हैं केंद्र
इस योजना के पहले चरण में यह सुविधा है कि करीब 10.74 लाख परिवारों के लिए 5 लाख रुपए तक का निशुल्क स्वास्थ्य बीमा कराया जाता है। फिर, दूसरे चरण में पूरे देश में WellNess Centers वेलनेस सेंटर हैं जो मरीजों को निशुल्क दवाइयां भी प्रदान करते हैं। जानकारी के अनुसार योजना के लिए मध्यप्रदेश में 700, छत्तीसगढ़ में 1000, राजस्थान में 505, महाराष्ट्र में 1450, हरियाणा में 255, झारखंड में 646 और बिहार में 643 केंद्र बनाए गए हैं। योजना के दायरे में 1354 बीमारियां हैं। प्रति परिवार प्रीमियम 1200 रुपए की प्रीमियम है।
लाभ लेने के लिए अनिवार्य शर्ते
– बीमा की सुविधा तभी मिलेगी जब मरीज अस्पताल में भर्ती होगा। साथ ही डे केयर की सुविधा भी मिलना संभव है।
– मरीज को इलाज के लिए जनरल वार्ड में ही एडमिट कराना होगा।
इनको है योजना की पात्रता
– वे परिवार जो वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना में शामिल किए गए हों।
– वे परिवार व असंगठित मजूदर जो कि खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आते हों।
इन्हें नहीं है पात्रता
योजना का लाभ लेने वाले आवेदकों के चयन के लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है। अहम बात यह है कि इसके बाद कोई परिवार गरीबी रेखा के नीचे के दायरे में आता है तो भी उसे योजना की पात्रता नहीं होगी। इसी प्रकार वर्ष 2011 में यदि कोई व्यक्ति गरीबी रेखा की सीमा में था और अब वह इससे उठ चुका है तो उसे बीमा का लाभ मिल जाएगा। जहां तक महिलाओं की बात है, यदि किसी महिला का नाम उसके मायके या ससुराल दोनों स्थानों पर है, तो वह दोनों स्थानों पर अपना इलाज करा सकेगी।
यह सुविधाएं भी मिलती हैं
पोर्टेबिलिटी -पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी मिलती। यदि कोई परिवार अन्य राज्य में निवास करने लगा है तो उसे वहां के अस्पतालों में इलाज कराने की पात्रता होगी।
सदस्यों की कोई सीमा नहीं – आयुष्मान भारत योजना में सदस्यों की सीमा नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले चली आ रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रति परिवार प्रति साल 30 हजार का इलाज प्रदान किया जाता है। लेकिन इस योजना में परिवार के केवल 5 सदस्यों को ही लाभ मिलता था।
बिना कार्ड के भी हो सकता है इलाज – यदि मरीज के पास अपना कार्ड नहीं है तो ऐसी स्थिति में उसे रजिस्टर्ड मोबाइल, नंबर समग्र आईडी या आधार कार्ड नंबर बताना होगा। यदि पोर्टल में खोजने पर पंजीकृत नाम मिल जाता है तो उसका इलाज शुरू कर दिया जाता है। इस व्यवस्था का सबसे अधिक लाभ उन मरीजों को होता है जिन्हें इमरजेंसी की स्थिति में अस्पताल लाया जाता है।
पूरे देश में कहीं भी लिया जा सकता है लाभ
इस योजना का लाभ पूरे भारत में किसी भी स्थान पर लिया जा सकता है। यह पूरे देश के लिए लागू है। पंजीकृत व वैधानिक लाभार्थी को किसी भी प्राइवेट या शासकीय अस्पताल से कैशलेस लाभ की पात्रता होगी। किस व्यक्ति को योजना का लाभ लेने का अधिकार है, यह SECC के डेटाबेस में दिए गए मापदंडों के आधार पर तय होता है। इसके तहत करीब 10.74 करोड़ निर्धन, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी कर्मचारियों के परिवार लक्ष्य में हैं।
60 फीसदी राशि देती है केन्द्र सरकार
खास बात यह है कि प्रीमियम की 60 फीसदी राशि केन्द्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार को देती है। हालांकि, यदि प्रति परिवार प्रीमियम का खर्च 1200 रुपए वार्षिक से अधिक हो जाता है तो निकलकर आने वाली अतिरिक्त राशि राज्य सरकार को ही वहन करनी होती है। इसी प्रकार केन्द्र सरकार ने समस्त बीमारियों के इलाज के लिए पैकेज की राशि तय कर रखी है। हालांकि राज्य सरकार यदि चाहे तो इस पैकेज में आवश्यक संशोधन कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर शहर के अनुसार बीमारियों के इलाज का खर्च भी अलग-अलग होता है।
रजिस्ट्रेशन
योजना में आपका नाम पता करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट https://www.pmjay.gov.in/ पर चेक करना होगा। वेबसाइट के होम पेज पर आपको एक बॉक्स नज़र आएगा। इसमें संबंधित व्यक्ति जैसे ही मोबाइल नंबर दर्ज करेगा, उसे एक OTP आएगा। इसे वेरीफाई करना होगा। इसके बाद आप जान जाएंगे कि इस योजना में आपका नाम रजिस्टर्ड है अथवा नहीं। दूसरा तरीका यह है कि आप टोल-फ्री नंबर 14555 पर कॉल करके योजना में नाम की स्टेटस मालूम करें। शासकीय अस्पतालों में भी आप खुद जाकर जानकारी हासिल कर सकते हैं।