पानी पर्याप्त से शरीर में चुस्ती और ऊर्जा बनी रहती है। थकान नहीं लगती है। दूषित तत्व यूरिन और पसीने के रूप में बाहर निकालते हैं।
पानी में कई बार हानिकारक जीवाणुओं के साथ विषैले तत्व भी हो सकते हैं। इनसे बीमारियां हो सकती हैं। विश्व ज दिवस २२ मार्च को मनाया जाता है। जानते हैं दूषित पानी से होने वाली बीमारियां और उनसे बचाव के बारे में-
शरीर के लिए पानी जरूरी क्यों
पानी पर्याप्त से शरीर में चुस्ती और ऊर्जा बनी रहती है। थकान नहीं लगती है। दूषित तत्व यूरिन और पसीने के रूप में बाहर निकालते हैं। इससे शरीर में फाइबर अच्छे से अवशोषित होता है जिससे इम्युनिटी बढ़ती है। यह
जोड़ों में लुब्रिकेशन को बढ़ाता है। वजन नियंत्रित रहता है। पानी की कमी से एलर्जी की आशंका बढ़ती है। फेफड़े में संक्रमण, अस्थमा और आंत की बीमारियों से बचाव होता है। सर्दी जुकाम व किडनी रोगों से बचाव होता है
पानी में कई मिनरल्स होते हैं जो कई रोगों से बचाते हैं।
ये बीमारियां होती
दूषित पानी में वायरस से पीलिया, पोलियो, सर्दी-जुकाम, चेचक होता है। बैक्टीरिया से अतिसार, पेचिस, मियादी बुखार, अतिज्वर, हैजा, काली खांसी और टीबी यानी क्षय रोग। प्रोटोजोआ से पायरिया, पेचिस, अनिद्रा, मलेरिया जबकि कृमि से फाइलेरिया व अन्य बीमारियां हो सकती है।
हैवी मेटल्स और नुकसान
पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड, कैडमियम, लेड, मरकरी, निकल, सिल्वर, लोहा, मैंगनीज, कैल्शियम, बेरियम, क्रोमियम, कॉपर आदि हैवी मेटल के साथ नाइट्रेट, सल्फेट, बोरेट, और कार्बोनेट आदि लवण भी मिले होते हैं। इनसे आंतों में जलन, खून की कमी, कैंसर, स्ट्रोक, हृदय से जुड़े रोग, गर्दन, पीठ, कंधे व घुटनों से जुड़ी बीमारी और भूलने की समस्या होती है।
ऐसे शुद्ध करें पानी
पानी को पांच मिनट तेज आंच पर उबालने से हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। क्लोरीन की 16 बूंदों से 4 लीटर तक पानी कीटाणुमुक्त हो सकता है। २० लीटर पानी में क्लोरीन की एक गोली डालकर उसे
एक घंटे बाद इस्तेमाल में ले सकते हैं। पहले न पीएं।
डॉ. विजय प्रकाश शर्मा, सीनियर फिजिशियन, जयपुर