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ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक एपल के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। ऐसे में भविष्य के प्लान और प्रोडक्ट को लेकर भी मीटिंग हो रही है। एपल के कर्मचारी मीटिंग के लिए फेसटाइम, स्लैक और Webex जैसे एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में एपल को डाटा लीक होने का खतरा है। एहतियातन एपल ने ऑनलाइन फाइल शेयरिंग भी कम कर दी है। स्पेस एक्स कंपनी में सभी कर्मचारियों को जूम एप इस्तेमाल ना करने को कहा गया है। स्पेस एक्स के अलावा नासा ने भी जूम एप को इस्तेमाल करने से मना कर दिया है।
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20 करोड़ से अधिक हुए डेली यूजर्स
जूम के सीईओ एरिक एस युआन ने अपने एक ब्लॉग में बताया है कि दिसंबर 2019 में जूम के डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 10 मिलियन एक करोड़ थी जो मार्च 2020 में 200 मिलियन यानी 20 करोड़ हो गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर के 20 देशों के 90,000 से अधिक स्कूल भी जूम एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
बता दें कि हाल ही में भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और राष्ट्रीय साइबर-सुरक्षा एजेंसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम की सिक्योरिटी को लेकर लोगों को आगाह किया है। CERT-In ने कहा है कि जूम एप साइबर हमलों का जरिया बना सकता है।
इस एप के जरिए साइबर अपराधी सरकारी और निजी कार्यालयों से डाटा चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। सीईआरटी ने कहा है कि जूम एप के साथ डाटा लीक का खतरा है। सुझाव के तौर पर एजेंसी ने कहा है कि जूम एप के इस्तेमाल से पहले एप को अप-टू-डेट रखें और मजबूत पासवर्ड रखें। इसके अलावा एप में वेटिंग फीचर को ऑन रखें ताकि मीटिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों पर कंट्रोल बना रहे।