नई दिल्ली। Yes Bank Crisis पर सरकार लगातार अपडेट कर रही है। पहले संसद के बाहर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के खाताधारकों को आश्वासन दिया था। वहीं अब दोबारा से वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर यस बैंक पर अपनी बातें रखी हैं। उन्होंने कहा है कि यस बैंक पर 2017 से निगरानी रखी जा रही है। 2018 में ही आरबीआई ने यस बैंक में गड़बड़ी की पहचान कर ली गई थी। जबकि 2019 में यस बैंक पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने बैंक के लिए री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान भी कर दिया है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman Since 2017, RBI has been continuously monitoring & scrutinizing Yes Bank. It noticed that there were governance issues and weak compliance in the bank. There was a wrong asset classification together with risky credit decisions. pic.twitter.com/fttfPgSGZ2
— ANI (@ANI) March 6, 2020
इन कंपनियों को दिए बैंक लोन हुए डिफॉल्ट
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यस की ओर से कुछ ऐसे निर्णय लिए थे, जो पूरी तरह बैंक और खाताधारकों के हित में नहीं थे। वहीं उन्होंने आरबीआई के नियमों का भी पालन नहीं किया था। उन्होंने बताया कि यस बैंक ने अनिल अंबानी, एसेल ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया, जिनकी रिकवरी नहीं हो सकी और वो रुपया डिफॉल्ट हसे गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सभी लोन के मामले 2014 से पहले यूपीए शासनकाल के हैं।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: #YesBank lent money to some of the very stressed corporations like Anil Ambani Group, Essel, Dewan Housing Finance Corporation (DHFL), Infrastructure Leasing & Financial Services Limited (IL&FS), and Vodafone. pic.twitter.com/D7a5tzuYS9
— ANI (@ANI) March 6, 2020
11 महीने से RBI के संपर्क में भी सरकार
वित्त मंत्री ने बताया कि हम लगातार यस बैंक पर नजर बताए हुए थे। बैंक की कार्य प्रणाली को भी अच्छे से वॉच किया जा रहा था, वहीं यस बैंक को लेकर 11 महीनों से आरबीआई के साथ भी संपर्क में थे। इसके अलावा सेबी भी सितंबर से यस बैंक पर अपनी निगरानी रखे हुए था। आपको बता दें कि सेबी ही शेयर बाजार को संचालित करता है। यस बैंक ने कुछ ऐसे काम किए जिसकी वजह से सरकार और खाताधारकों को यह दिन देखना पड़ रहा है।
FM Nirmala Sitharaman on #YesBank: I have asked RBI to ago into assessing what has caused these difficulties for the bank and clearly identify the roles played by various individuals in creating the problem and not addressing it. pic.twitter.com/67wMJh71CQ
— ANI (@ANI) March 6, 2020
यस बैंक ने दिखाई है दिलचस्पी, आरबीआई ने री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान
पत्रकारों से बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की ओर से यस बैंक में दिलचस्पी दिखाई दी है। बैंक का नया बोर्ड टेकओवर तब करेगा जब री-स्ट्रक्चरिंग प्लान सामने आएगा। इससे पहले आरबीआई की ओर से बैंक का बोर्ड पूरी तरह भंग कर दिया था और एसबीआई के सीएफओ प्रशांत कुमार प्रबंधक बना दिया था। वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने यस बैंक के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान को रिवील कर दिया है। जानकारी के अनुसार आरबीआई की वेबसाइट पर इस पूरे प्लान को अपलोड कर दिया गया है।
reserve bank of india announces a scheme of reconstruction of the #YesBank. pic.twitter.com/al8yD4vfdw
— ANI (@ANI) March 6, 2020
आखिर कौन है जिम्मेदार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार उन्होंने क्रक्चढ्ढ से इस पूरे मामले की जांच करने को भी कहा है। उन्होंने बताया यस बैंक की यह हालत एक दिन या साल में नहीं हुई है। इसका आंकलन करने के लिए आरबीआई को कह दिया गया है। अब आरबीआई बैंक में इन तमाम समस्याओं के कारणों को खोजने की कोशिश करेगा। साथ ही इन सब के लिए कौन जिम्मेदार हैं उसकी पहचान कर कार्रवाई भी की जाएगी।
FM Nirmala Sitharaman on #YesBank: Our govt is committed to ensuring that depositors’ interests are safeguarded. I want RBI to ensure that due process of law is set to roll with a sense of urgency so that we should find out as to who led to the problem of this size & magnitude. https://t.co/o4nrozhSvZ
— ANI (@ANI) March 6, 2020
नहीं होगा कोई प्रभावित
निर्मला सीतारमण ने इस बात को साफ कर दिया कि बैंक में जमा किसी भी राशि प्रभावित नहीं होगी। वहीं देनदारियों पर भी किसी का नुकसान नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर बैंक के कर्मचारियों को आश्वासन दिया । उन्होंने कहा कि कम से कम एक साल के लिए बैंक में काम करने वालों का रोजगार और वेतन सुनिश्चित होगा। यानी आने वाले एक साल के लिए यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित हो गई है।
FM Nirmala Sitharaman on #YesBank: Deposits, liabilities will not be affected; employment and salaries assured for at least one year https://t.co/V0iLEqXl2q
— ANI (@ANI) March 6, 2020